सुप्रीम कोर्ट ने आज अयोध्या मामले में सबसे बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसला में कहा कि जिस जमीन का विवाद है उस पर रामलला का अधिकार है। इसके साथ की कोर्ट ने रामलला के लिए निर्मोही अखाड़े के दावे के साथ ही शिया वफ्क बोर्ड का दावा खारिज कर दिया था। जिसके बाद ये मामला सुन्नी वक्फ बोर्ड और रामलला विराजमान का हो गया था। इसके बाद फैसला सुनाते हुए पांच जजों की बेंच ने कहा कि विवादित जमीन पर रामलला का अधिकार है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज राम मंदिर बाबरी मस्जिद मामले में सबसे बड़ा ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि विवादित जमीन रामलला विराजमान की है। लिहाजा इसके लिए सुन्नी वफ्क बोर्ड की दलीलों को खारिज कर दिया। वहीं कोर्ट ने आदेश दिया है कि अयोध्या में मुस्लिमों के लिए पांच एकड़ की जमीन आवंटित की जाएगी और इसमें मस्जिद बनाई जाएगी। इसके साथ ही अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए केन्द्र सरकार ट्रस्ट बनाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने आज अयोध्या मामले में सबसे बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसला में कहा कि जिस जमीन का विवाद है उस पर रामलला का अधिकार है। इसके साथ की कोर्ट ने रामलला के लिए निर्मोही अखाड़े के दावे के साथ ही शिया वफ्क बोर्ड का दावा खारिज कर दिया था। जिसके बाद ये मामला सुन्नी वक्फ बोर्ड और रामलला विराजमान का हो गया था। इसके बाद फैसला सुनाते हुए पांच जजों की बेंच ने कहा कि विवादित जमीन पर रामलला का अधिकार है। क्योंकि ये भगवान राम का जन्म स्थान है।
हालांकि फैसला सुनाने से पहले कोर्ट ने कभी पक्षों की दलीलों पर चर्चा की और अपनी राय दी। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार से मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का आदेश दिया और कहा कि केन्द्र सरकार अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट बनाए जो तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। वहीं मुस्लिमों के लिए अलग से पांच एकड़ में मस्जिद बनेगी।