केरल की मस्जिदों में आजादी के बाद पहली बार लहराया तिरंगा

By Team MyNationFirst Published Jan 27, 2020, 6:32 AM IST
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केरल की सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक तिरुवनंतपुरम के पलयम जुमा मस्जिद में काफी दिनों से गणतंत्र दिवस की तैयारी की जा रही थी। क्योंकि पहली बार केरल की मस्जिदों में तिरंगा फहराने का ऐलान किया गया था। जिसके बाद गणतंत्र दिवस के मौके पर मस्जिदों में तिरंगा फहराया गया है।  कई मस्जिदों के परिसरों को केसरिया, सफेद और हरे रंग से सजाया गया था।

नई दिल्ली। देश के इतिहास में पहली बार केरल की मस्जिदों ने पहली बार गणतंत्र दिवस के मौके पर  तिरंगा झंडा फहराया। राज्य में ऐसा पहली बार हो रहा है। नागरिकता संसोधन कानून के बाद केरल राज्य वक्फ बोर्ड ने पहली बार राज्य की सभी मस्जिदों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का ऐलान किया था। लिहाजा आज पहली बार राज्य की मस्जिदों में गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराने के साथ ही भारतीय संविधान की प्रस्तावना को बी पढ़ा गया।

केरल की सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक तिरुवनंतपुरम के पलयम जुमा मस्जिद में काफी दिनों से गणतंत्र दिवस की तैयारी की जा रही थी। क्योंकि पहली बार केरल की मस्जिदों में तिरंगा फहराने का ऐलान किया गया था। जिसके बाद गणतंत्र दिवस के मौके पर मस्जिदों में तिरंगा फहराया गया है।  कई मस्जिदों के परिसरों को केसरिया, सफेद और हरे रंग से सजाया गया था।

असल में राज्य के वक्फ बोर्ड ने पहले ही राज्य की मस्जिदों को आदेश दिया था कि इस बार राज्य की सभी मस्जिदों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगाऔर गणतंत्र दिवस पर भारतीय संविधान की प्रस्तावना को “राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा” को पढ़ा जाएगा। इसके साथ ही कई मुस्लिम संगठनों ने भी एक संदेश भेजने के लिए गणतंत्र दिवस मनाने का आह्वान किया था।

समितियों ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने और देश के संविधान की रक्षा करने का संकल्प लेने का भी आह्वान किया था। वक्फ बोर्ड ने मस्जिदों को परिपत्र के साथ संविधान की प्रस्तावना की एक प्रति भी भेजी थी। गौरतलब है कि केरल मुस्लिम बाहुल्य राज्य है और यहां की मस्जिदों  में अभी तक तिरंगा नहीं फहराया जाता था। लेकिन पहली बार राज्य की मस्जिदों में तिरंगे को फहराया गया। इसका आदेश राज्य सरकार की तरफ से दिया गया था। 

केरल के साथ देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। हालांकि केरल सरकार ने विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव भी पारित कर दिया है। जिसको लेकर राज्य में राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच भी मतभेद हैं। वहीं केरल सरकार सीएए और एनआरसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी जा चुकी है।
 

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