कश्मीर में कट्टरपंथी वहां के युवाओं को जन्नत के सपने दिखाकर आतंकवाद की गोद में धकेल रहे हैं। पुलवामा में हुए बहुचर्चित हमले में मारा गया आदिल अहमद डार भी जन्नत में मिलने वाली काल्पनिक 72 हूरों के चक्कर में आत्मघाती बना था। लेकिन अब कश्मीरी युवाओं का भरोसा मौलवियों की इस मनगढ़ंत हूरों की कहानी से उठता दिख रहा है। यही वजह है कि परसों बनिहाल में जो आतंकवादी बम धमाका करने आया था। वह विस्फोट होने के पहले ही भाग खड़ा हुआ।