महाकुंभ 2025 में अखाड़ों का खास महत्व है। जानिए सबसे बड़े अखाड़े श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के इतिहास, इसकी खासियत, नागा साधुओं और पेशवाई की भव्यता के बारे में।
महाकुंभ 2025 में कल्पवास का क्या महत्व है? जानिए कल्पवास के नियम, इसका आध्यात्मिक महत्व और इससे मिलने वाले अद्भुत लाभ। संगम तट पर आत्मिक शुद्धि और मोक्ष पाने का अनोखा अवसर।
महाकुंभ 2025 में 2,700 से ज्यादा एआई सीसीटीवी, 123 वॉच टावर, स्नाइपर्स और 51,000 सुरक्षा कर्मियों की तैनाती से हर कोना सुरक्षित। जानें इस भव्य आयोजन की आधुनिक सुरक्षा व्यवस्था।
महाकुंभ 2025 में यूपी पुलिस ने 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए हैं। यहां गुमशुदा व्यक्तियों और सामान की जानकारी, मेडिकल सुविधाएं और लाइव अपडेट मिलेंगे। जानें सभी सुविधाओं के बारे में।
महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 12 विशेष सुरक्षा ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। ऑपरेशन स्वीप, ऑपरेशन संगम, और ऑपरेशन पहचान जैसे अभियानों से मेला क्षेत्र को सुरक्षित बनाया गया है।
महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज के संगम तट पर 12 किलोमीटर क्षेत्र में 7 भव्य स्नान घाट तैयार किए गए हैं। जानें महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम, सुरक्षा, सफाई और आधुनिक सुविधाओं के बारे में।
HMPV वायरस कोरोना जितना तेजी से नहीं फैलता, लेकिन यह अभी भी एक गंभीर संक्रामक बीमारी है। सतर्कता और सावधानी से इसे रोका जा सकता है।
महिला नागा साधुओं का जीवन रहस्यमय, कठिन, और प्रेरणादायक है। उनकी साधना, तपस्या, और नियम हर किसी के लिए सीख और प्रेरणा का स्रोत हैं।
महाकुंभ 2025 को स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छ रथ यात्रा निकाली गई। उसने यह साबित कर दिया कि सामूहिक प्रयास और जागरूकता से स्वच्छता का सपना साकार किया जा सकता है।
HMPV वायरस भले ही डरावना लग रहा हो, लेकिन यह कोविड-19 जैसा घातक नहीं है। भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर नजर रख रहा है और आवश्यक कदम उठा रहा है। फिलहाल, लॉकडाउन की कोई संभावना नहीं है, लेकिन सतर्कता बरतना जरूरी है।