बजट सत्र का आज आखिरी दिन है और मोदी सरकार के कार्यकाल के संसदीय सत्र का भी आज आखिरी दिन है। लेकिन आज भाजपा सरकार की सबसे बड़ी मजबूरी ये है कि आज दो प्रस्तावों को राज्यसभा से पारित कराना है।
बजट सत्र का आज आखिरी दिन है और मोदी सरकार के कार्यकाल के संसदीय सत्र का भी आज आखिरी दिन है। लेकिन आज भाजपा सरकार की सबसे बड़ी मजबूरी ये है कि आज दो प्रस्तावों को राज्यसभा से पारित कराना है। ऐसा माना जा रहा है कि संसद का आखिरी दिन हंगामेदार होगा। विपक्ष फिर राफेल के मुद्दे पर सरकार को घेरेगा।
अभी तक संसद का बजट सत्र काफी हंगामेदार रहा और अभी तक सरकार तीन प्रस्तावों को पास नहीं करा पायी। जिनको लेकर भाजपा के खिलाफ विपक्ष दल मोर्चा खोले हुए हैं। सच्चाई ये भी है कि भाजपा सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है और उसे अपने प्रस्तावों को पारित कराने के लिए अन्य दलों पर निर्भर रहना पड़ता है। अभी तक सरकार नागरिकता (संशोधन) विधेयक और तीन तलाक जैसा दो अहम बिल शामिल है। ये दोनों बिल लोकसभा से पारित हो चुके हैं और अब इन्हें राज्यसभा से पारित करना जरूरी है, नहीं तो दोनों बिल निष्प्रभावी हो जाएंगे।
केन्द्र सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक भी राज्यसभा में पास कराने की कोशिश करेगी। हालांकि पूर्वोत्तर के राज्यों में इसका विरोध किया जा रहा है। इस बिल का विरोध करते हुए असम गण परिषद समे
केन्द्र सरकार ने कल कहा था कि सरकार एक बार फिर तीन तलाक बिल राज्यसभा में पेश करेगी। हालांकि सभी विपक्षी दल इसके खिलाफ हैं और उनके रुख को देखते हुए बिल को मंजूरी मिलना आसान नहीं होगा।
वहीं विपक्षी दल तीन तलाक बिल को प्रवर समिति के पास भेजने की मांग कर रहे हैं। असल में तीन तलाक बिल को पिछले साल 27 दिसंबर को लोकसभा से मंजूरी मिली थी और नये विधेयक को सितंबर में लागू अध्यादेश की जगह लेना था। लेकिन अभी तक ये बिल राज्यसभा से पारित नहीं हो पाया है। पहले विपक्षी दलों की मांग के बाद इसमें केन्द्र सरकार ने बदलाव किया था।
कैसे होते हैं बिल निष्प्रभावी-
नियमों के मुताबिक एक अध्यादेश की समयावधि छह महीने की होती है और सत्र शुरू होने पर इसे विधेयक के तौर पर संसद से 42 दिन (छह सप्ताह) के भीतर पारित कराना होता है, वरना यह अध्यादेश निष्प्रभावी हो जाता है। लेकिन अगर दोनों सदनों से इसे पारित कर दिया जाता है वह कानून का रूप ले लेता है। इसके बाद राष्ट्रपति द्वारा इसकी अधिसूचना लागू कर दी जाती है।