एक फरवरी को केन्द्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए पेश किया गया बजट हालांकि अंतरिम बजट है। लेकिन इसमें महत्वपूर्ण घोषणाएं की गयी हैं। इसमें विभिन्न राजनैतिक पहलूओं को ध्यान रखते हुए और अरसे से लंबित मांगों को ध्यान में रखा गया है।
एक फरवरी को केन्द्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए पेश किया गया बजट हालांकि अंतरिम बजट है। लेकिन इसमें महत्वपूर्ण घोषणाएं की गयी हैं। इसमें विभिन्न राजनैतिक पहलूओं को ध्यान रखते हुए और अरसे से लंबित मांगों को ध्यान में रखा गया है।
बजट में टीका टिप्पणी करने से पहले देखें, तो बजट में करदाताओं के लिए पांच लाख रुपए तक की कर छूट की घोषणा की गयी है। जबकि छोटे और मझौले किसानों के लिए की घोषणा से राजकोषीय घाटा बढ़ेगा। हालांकि कई और महत्वपूर्ण घोषणा की गयी, जिनका कम महत्व है। इन घोषणाओं ने लोगों का ध्यान खींचा। लेकिन इन्हें घोषणा के बीच में ज्यादा तवज्जो नहीं मिली।
प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए पेंशन योजना को शुरू की है। इस स्कीम को असंगठित क्षेत्र के उन कामगारों के लिए शुरू किया किया है, जिसकी मासिक आय 15 हजार रुपये से कम है। इस स्कीम के तहत साठ साल के बाद 3 हजार रुपए मासिक पेंशन मिलेगी। इसके लिए महज 100 रुपये की मासिक हिस्सेदारी देनी होगी। ये स्कीम दस करोड़ कामगारों को ध्यान में रखकर लक्षित की गयी है। जिनके पास कोई आधिकारिक कार्य नहीं है।
प्रत्यक्ष कर का सरलीकरण
सरकार ने दो साल के भीतर प्रत्यक्ष कर को सरलीकरण करने की घोषणा की है। अगर एक बार ये तकनीक लागू हो गयी तो आयकर विभाग से महज चौबीस घंटे में आयकर रिफंड वापस हो जाएगा। सभी डेटा का सत्यापन मानव रहित तंत्र के जरिए हो जाएगा। इसका पायलट प्रोजेक्ट कई शहरों में एक साथ किया जा रहा है और अब इसको पूरे देश में लागू किया जाएगा। मोदी सरकार के दौरान भारत में टैक्स देने वालों की संख्या 80 फीसदी बढ़ गयी है। पहले टैक्स देने वालों की संख्या 3.79 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 6.85 करोड़ हो गयी है। इस कार्य के शुरू होने टैक्स देने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी और भ्रष्टाचार भी कम होगा।
रेलवे की आय
रेलवे बजट को बजट में शामिल कर दिया गया है। अब अलग से रेलवे के बजट पर ध्यान ध्यान देने की बात बीत चुकी है। हालांकि आम बजट में ये जाहिर हुआ है कि रेलवे की आय वर्तमान वित्तीय साल में पैसेंजर और माल ढोने के मामले में बढ़ गयी है। यात्रा किराये के मामले में 6 फीसदी और माल भाड़े में 10.8 फीसदी आय बढ़ी है। जबकि आपरेटिंग खर्च इस अनुपात में कम हुआ है और यह 98.4 फीसदी से कम हो कर 96.2 फीसदी हो गया है। ये सकारात्मक बदलाव बजट में देखने को मिले हैं। कुल मिलाकर भारतीय रेलवे के इतिहास में वित्तीय वर्ष 2018-19 रेलवे के लिए सुरक्षित वर्ष साबित हुआ है। इसके साथ इस साल सुरक्षा और आधारभूत ढ़ांचे में नवीकरण हुआ है।
आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस पर नेशनल प्रोग्राम
आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस की शुरूआत एक बेहतर दस्तावेज के तौर हुई है। कई देश जैसे अमेरिका और चीन खासतौर से रिसर्च और दक्षता के लिए इससे जुड़े क्षेत्रों में बहुत निवेश कर रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस खास तौर गर्वनेंस और इंटरनेशनल रिलेशन और पॉलिसियों के प्रभावित करने के लिए काफी कार्य किया जा रहा है। इस बार के बजट में वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस के लिए नेशनल प्रोग्राम बनाने का प्रस्ताव रखा है। इसके लिए सरकार एक प्रोग्राम को शुरू करना चाहती है। इसके जरिए विभिन्न हिस्सों में स्थित सेंटर को आपस में जोड़कर विभिन्न जरूरी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट पर कार्य किया जा सके। इसके लिए विस्तृत कार्यक्रम को जल्द ही आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस सिस्टम के जरिए जारी किया जा सकेगा।
रक्षा बजट
अभी तक के बजट में इस साल अभी तक का सबसे ज्यादा बजट रक्षा क्षेत्र के लिए रखा गया है। 27.84 लाख करोड़ के बजट में से 3.18 लाख करोड़ का बजट 2019-20 के लिए रखा गया है। इसके साथ ही 1.12 लाख करोड़ का बजट रक्षा पेंशन के लिए रखा गया है। अगर देखें तो कुल बजट का 15.48 फीसदी रक्षा के लिए बजट में प्रावधान रखा गया है। रक्षा बजट में 3.18 करोड़ रुपए के बजट में से 2.1 लाख करोड़ का बजट कुल राजस्व व्यय और 1.08 लाख करोड़ का बजट पूंजीगत व्यय के लिए आवंटित किया गया है। 2019-20 के लिए बजट 3.36 लाख करोड़ का पूंजीगत व्यय रखा गया है। बजट में कुल पूंजीगत व्यय का 32.2 फीसदी पूंजीगत व्यव रक्षा के लिए रखा गया है।
अंतत 2019-20 का बजट सरकार की 2030 के लिए बनाई जा रही नीतियों के लिए बहुत अच्छी तस्वीर पेश कर दी है। भारत अगले दशक के मध्य तक 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है और 2032 तक भारत की जीडीपी 10 ट्रिलियन डालर की होने जा रही है। बजट में अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए वित्त मंत्री गोयल ने दस क्षेत्रों को फोकस किया है। जो बजट में घोषित किए हैं, जिसके लिए सरकार को नीति बनानी होगी।
1-ट्रांसपोर्टेशन और क्नेक्टिविटी के साथ ही आधारभूत ढांचा और शिक्षा के साथ सरल जीवनयापन के लिए सामाजिक आधारभूत ढांचा।
2-डिजिटल इकॉनोमी को इंटरनेट की पूरी ताकत के साथ पूरा फायदा पहुंचाना।
3-प्रदूषण मुक्त वातावरण और साफ आसमान
4- मेक इन इंडिया को ध्यान में रखते हुए छोटे निर्माण करने वाली यूनिट के विशेष क्लस्टर बनाना।
5-नदियों को साफ करना और साफ और सुरक्षित पानी को सभी को मुहैया कराना।
6-भारतीय समुद्री तटों का लाभ लेना और इसके साथ ही नए व्यापार और निर्यात में विकास करना।
7-बाहरी सीमाओं, अंतरिक्ष की संभावनाओं को खोजने के साथ ही उसके अभियानों का विस्तार करना।
8-खाद्य के मामले में उपलब्धता के साथ ही भारतीय उपभोक्ताओं के लिए गुणवत्ता वाला भोजन और कृषि उत्पादकता में इजाफा करना।
9-स्वस्थ भारत का निर्माण करना, आयुष्मान भारत कार्यक्रम शुरूआती तौर पर सफल हो गया है
10-नौकरशाही को सक्रिय और उत्तरदायी बनाना, जो ज्यादा गर्वनेंस और कम सरकारी नियमों पर कार्य करे।
हालांकि बजट में टैक्स की रियायत को लेकर लोकलुभावन और राजनैतिक करार दिया गया है, जबकि बजट में इससे ज्यादा बहुत कुछ है। बजट में प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष से उनके कुछ उपायों को इसमें लागू किया है, जो उन्होंने विपक्ष के साथ ही अपने घोषणापत्र में लागू किए थे। सत्ता पर काबिज भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में इन वादों को लागू करने के साथ चुनाव में जाएगी।