असल में जीएसटी काउंसिल की बैठक विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की जा रही थी और कुछ राज्यों ने इसका विरोध किया था। राज्यों का कहना था इतना अहम फैसला इसके जरिए नहीं किया जा सकता है।
केन्द्र की मोदी सरकार का रियल एस्टेट पर लगने वाले जीएसटी पर फैसले पर कुछ राज्यों के द्वारा इसके विरोध करने के कारण घर खरीदने वाले उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिल सकी। असल में जीएसटी काउंसिल की बैठक विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की जा रही थी और कुछ राज्यों ने इसका विरोध किया था। राज्यों का कहना था इतना अहम फैसला इसके जरिए नहीं किया जा सकता है। लिहाजा इसे अगली बैठक तक के लिए टाल दिया।
ऐसा माना जा रहा था कि रियल एस्टेट सेक्टर के लिए जीएसटी में कटौती हो सकती है। इसका सीधा फायदा घर खरीदने वाले ग्राहक को मिलना था। साथ ही खस्ताहाल इस क्षेत्र को फिर से मदद मिल सकती थी। क्योंकि ये क्षेत्र पिछले तीन साल से मुश्किलों के दौर से गुजर रहा है। लेकिन पिछली कई बैठकों से जीएसटी कम करने पर फैसला नहीं हो पा रहा है। अब अगर अगली बैठक पर है। इसके लिए अब बैठक आगामी 24 फरवरी को 2 बजे दिल्ली में होगी। जिसमें सभी राज्यों के वित्त मंत्री हिस्सा लेंगे।
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स काउंसिल में रियल एस्टेट पर फैसला टाल दिया है। क्योंकि इसमें कई राज्यों के वित्त मंत्री शामिल नहीं हो पाए थे। आज की बैठक विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की गयी थी। जिसका विरोध राज्यों के वित्त मंत्री कर रहे थे। इसके साथ ही आगामी बैठक में सीमेंट पर भी जीएसटी में छूट मिल सकती है। इसके लिए सीमेंट उद्योग लंबे अरसे से मांग कर रहा है। बैठक में 3बी फॉर्म दाखिल करने की अंतिम तारीख को बढ़ा दिया है। अब रिटर्न 22 फरवरी तक दाखिल किया जा सकेगा।
वहीं, जम्मू कश्मीर में 28 फरवरी तक दाखिल किया जा सकेगा। बुधवार को हुई बैठक में काउंसिल के सदस्यों का कहना था कि रियल एस्टेट में रेट्स घटाने का फायदा कंज्यूमर को नहीं मिलता। वहीं रियल एस्टेट पर बनी ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के एक पैनल ने अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टीज पर जीएसटी को घटाकर 5 फीसदी किए जाने की सिफारिश की है।