उज्जैन. सिहोर (Sehore) वाले पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra: देश में अलग-अलग स्थानों पर सत्संग करने जाते हैं। इस दौरान कई लोग उनसे अपने प्रश्नों का जवाब पूछते हैं। पं. मिश्रा बहुत ही सहज भाव से लोगों की जिक्षासा का शांत करते हैं और सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देते हैं। पिछले दिनों पुष्कर में आयोजित एक सत्संग में ऐसा ही एक किस्सा पं. मिश्रा ने सुनाया। पं. मिश्रा ने जो कहा, वो जानना आपके लिए भी जरूरी है।

किसी ने पूछा- कौन होता है किस्मत वाला?
पं. मिश्रा के अनुसार, एक बार एक व्यक्ति ने उनके सवाल पूछा कि किस्मत वाला कौन होता है? ये प्रश्न काफी अजीब था। आमतौर पर लोग सोचते हैं जिसके पास धन होता है क्या वो किस्मत वाला होता है, जो बहुत सुंदर दिखता है वो किस्मत वाला है, जिसके 4-5 बेटे है वो किस्मत वाला है या जिसके पास जीवन के सभी सुख है वो किस्मत वाला है। पंडित मिश्रा ने कहा कि ‘जिनके पास भी ये सभी चीजें होती हैं, वो किस्मत वाले नहीं होते।

ये होता है किस्मत वाला
पंडित मिश्रा ने बताया कि किस्मत का धन और सुख से कोई लेना-देना नहीं है। शिवपुराण के अनसार, मनुष्य शरीर पाकर जिसके मुख से शिव, श्रीराम और कृष्ण का नाम निकल जाए वही किस्मत वाला होता है। अगर धन-दौलत ही किस्मत वाला होने का प्रमाण होती तो रावण भी किस्मत वाला कहलाता, लेकिन ऐसा नहीं है। धन दौलत तो कोई भी कमा लेता है, लेकिन इससे वो किस्मत वाला नहीं हो जाता।

कौन हैं 3 प्रबल भाग्यशाली?
पं. मिश्रा ने बताया कि संसार में 3 सबसे प्रबल भाग्यशाली हुए हैं, इनमें से पहले थे राजा दशरथ, क्योंकि उनके घर में भगवान श्रीराम ने जन्म लिया। दूसरे थे भीष्म पितामाह, क्योंकि उन्होंने श्रीकृष्ण को बचपन से जवानी तक देखा और तीसरे भाग्यशाली थे गिद्धराज जटायु, क्योंकि उन्होंने भगवान श्रीराम की गोद में अपने प्राण त्यागे। 

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