उज्जैन. सिहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) अक्सर अपने सत्संग में ऐसे आसान उपाय बताते हैं, जिन्हें करने से किसी की भी परेशानी दूर हो सकती है। इनमें से अधिकांश उपाय शिवमहापुराण (Shivmahapuran) के होते हैं। पिछले दिनों एक सत्संग में पं. मिश्रा ने सावन के अधिक मास का एक ऐसा उपाय बताया, जिसे करने से रोग, दोष आदि से बचा जा सकता है, साथ ही इससे देवी लक्ष्मी की कृपा भी हमारे ऊपर बनी रहती है। आगे जानिए क्या है ये उपाय…

19 साल बाद बना सावन अधिक मास का संयोग
पं. प्रदीप मिश्रा के अनुसार, अधिक मास बहुत ही पवित्र होता है, ये हर 3 साल में एक बार आता है, लेकिन इस बार सावन का अधिक मास है, जो 19 साल बाद आया है, इसलिए इस अधिक मास का महत्व कहीं अधिक है। सावन के अधिक मास में शिवपुराण के उपाय किए जाएं तो हर परेशानी दूर हो सकती है।

ये 7 तिथियां है खास
पं. मिश्रा के अनुसार, वैसे तो सावन का अधिक मास पूरा ही परम पवित्र हैं, लेकिन इसकी कुछ तिथियां बहुत ही खास मानी गई हैं। ये खास तिथियां हैं पंचमी, अष्टमी, एकादशी, प्रदोष, शिवरात्रि, अमावस्या और पूर्णिमा। इनमें से कुछ तिथियां निकल गई हैं, मगर कुछ अभी भी शेष हैं। इन तिथियों पर किया गया उपाय शिवकी कृपा से हर परेशानी दूर कर सकता है।

कब-कब हैं ये तिथियां?
- सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 6 अगस्त, रविवार को है।
- सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 9 अगस्त, बुधवार को है।
- सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 12 अगस्त, शनिवार को है।
- सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 13 अगस्त, शनिवार को है।
- सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 14 अगस्त, रविवार को है।
- सावन अधिक मास की अमास्या तिथि 16 अगस्त, बुधवार को है।

इन तिथियों में से 1 दिन करें ये उपाय
पं. मिश्रा के अनुसार, ऊपर बताई गई किसी भी 1 तिथि वाले दिन शाम को शुद्ध घी के 5 दीपक जलाकर मंदिर, तुलसी, देवालय या शिवालय पर रख दें। ऐसा ऐसा संभव  न हो तो भगवान का नाम लेकर ये 5 दीपक घर की चौखट के बाहर लगा दें। ऐसा करने से आपके घर में रोग नहीं होगा और देवी लक्ष्मी का स्थाई निवास भी बना रहेगा।

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