असल में एफएटीएफ के ब्लैक लिस्ट में आने के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएं कर्ज देना बंद कर देंगी। जिसके बाद पाकिस्तान एक तरह के आर्थिक तौर पर दिवालिया हो जाएगा। यही नहीं अगर पाकिस्तान को कोई देश कर्ज भी देता है तो वह अपनी शर्तों पर उसे कर्ज देगा। लिहाजा अब इमरान को एक बार फिर अमेरिका की याद आ रही है।