आज देश एक और गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी 1950 को जब हमारा संविधान तैयार हुआ तब से अब तक गंगा में बहुत पानी बह चुका है। आम तौर पर इंसान के जीवन काल में 69 सालों का वक्फा काफी लंबा होता है। लेकिन सभ्यताओं के इतिहास में सत्तर साल कुछ नहीं होते। आज देश हर मोर्चे पर सफल हो रहा है। हमारे विकास की मिसालें दी जा रही हैं। हालांकि अभी पूर्ण विकास अभी भी दूर है लेकिन मन में संतोष है कि हम लगातार आगे तो बढ़ रहे हैं।