याचिका की सुनवाई को दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, 2 मिनट के ट्रेलर से यह तय नहीं किया जा सकता कि फिल्म वोटर्स को प्रभावित कर सकती है। फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने अब तक इसे सर्टिफिकेट नहीं दिया। फिल्म देखना उसका काम है। अगर फिल्म से चुनाव कराने में कोई दिक्कत होती है, तो ये देखना चुनाव आयोग का काम है।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इस फिल्म के अभिनेता भाजपा के कैंपेन में भी हैं। फिल्म के ट्रेलर में कुछ ऐसे शॉट्स हैं जो वोटरों को प्रभावित करते है। फिल्म में पुलवामा और बालाकोट का जिक्र है। यह फिल्म
याचिकाकर्ता के वकील सिंघवी ने यह भी कहा कि पीएम के पर्सनल ट्विटर हैंडल को दिखाया गया है। चौकीदार कैंपेन को भी दिखाया गया है। इस पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि 2 मिनट के ट्रेलर से यह तय नहीं किया जा सकता कि फिल्म प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक है और यह वोटर्स को प्रभावित कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने अब तक इसे सर्टिफिकेट नहीं दिया। फिल्म देखना उसका काम है। अगर फिल्म से चुनाव कराने में कोई दिक्कत होती है, तो ये देखना चुनाव आयोग का काम है। यह याचिका कांग्रेस के नेतृत्व में अमन अवर ने दाखिल की थी।
उधर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अभिनेता विवेक ओबरॉय ने ट्वीट कर कहा, 'आप लोगों की दुआओं, समर्थन और प्यार की बदौलत आज सुप्रीम कोर्ट में हमारी जीत हुई है। आप सभी और लोकतंत्र में विश्वास को बरकरार रखने वाली न्यायपालिका का धन्यवाद। बृहस्पतिवार, 11 अप्रैल। जय हिंद। #PMNarendraModiWins'
With all your blessings, support and love,today we have won in the Honorable Supreme Court! A humble thank you to all of you and to the Indian juidiciary 🙏 for upholding our faith in democracy! Thursday 11th April. Jai Hind🇮🇳 🇮🇳 #PMNarendraModiWins https://t.co/fJLlgyslHQ
— Vivek Anand Oberoi (@vivekoberoi) April 9, 2019
अभिनेता विवेक ओबरॉय अभिनीत इस फिल्म की रिलीज को लेकर दायर याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है। अभिनेता विवेक ओबरॉय ने फिल्म को लेकर कांग्रेस नेताओं पर भी तंज कसा। उन्होंने पूछा कि कांग्रेस नेताओं को फिल्म से डर लग रहा है या चौकीदार के डंडे से। इतना ही नही ओबरॉय ने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा है कि कुछ लोग इस तरह से ओवररिएक्ट क्यों कर रहे हैं। अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल जैसे वरिष्ठ और प्रसिद्ध वकील ऐसी मामूली फिल्म पर जनहित याचिका दायर करने में अपना समय क्यों बर्बाद कर रहे हैं? पता नहीं वे फिल्म से डरते हैं या चौकीदार के डंडे से। विवेक ओबरॉय ने यह भी कहा कि हम पीएम मोदी को जीवन से बड़ा करके नहीं दिखा रहे हैं, वह पहले से ही जीवन में बड़े हैं। हम उन्हें एक हीरो के तौर पर पेश नहीं कर रहे है, वह न केवल मेरे लिए बल्कि भारत और विदेश में रहने वाले करोड़ों लोगों के लिए पहले से ही एक हीरो हैं। हम बस इसकी एक प्रेरणादायक कहानी को पर्दे पर लेकर आ रहे हैं।
Last Updated Apr 9, 2019, 7:51 PM IST