असल में यूपी में कांग्रेस में ये उठापटक नए प्रदेश अध्यक्ष के ऐलान के साथ ही शुरू हो गई थी। प्रियंका गांधी ने अपने करीबी माने जाने वाले विधानसभा में संसदीय दल के नेता अजय कुमार लल्लू को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी तो दिग्गज और वरिष्ठ नेताओं को लगने लगा कि उन्हें तवज्जो नहीं दी गई है। करीब 5 सौ से ज्यादा कार्यकारिणी को प्रियंका गांधी ने 40 में सिमटा दिया और अपने कई सलाहकारों को नियुक्त कर गुटबाजी को खत्म करने की कोशिश की थी।