क्रांति
(Search results - 32)Motivational NewsFeb 8, 2024, 11:27 PM IST
आज़ादी की लड़ाई में पति समेत सभी साथी हो गए शहीद, लखनऊ में पहला मोंटेसरी स्कूल खोला दुर्गा भाभी ने
यह तो हम सभी जानते हैं की 1947 में जब हमारा देश आजाद हुआ तो उसके पहले बहुत से क्रांतिकारियों ने अपनी शहादत दी है इनमें से भी क्रांतिकारी थे जिन्होंने आजाद हिंदुस्तान को देखा। आजादी की लड़ाई में इन्होंने अपने दोस्त अपने परिवार सबको खो दिया। इन्हीं में एक है दुर्गा भाभी जिनके पति बम बनाते वक्त शहीद हो गए चंद्रशेखर भगत सिंह दुर्गा भाभी के साथी थे। क्रांतिकारियों के बीच में दुर्गा भाभी ही थी जिन्होंने देश को आजाद होते देखा ।और इसी के साथ लखनऊ में उन्होंने एक स्कूल खोला जो लखनऊ मांटेसरी स्कूल के नाम से मशहूर है।
Beyond NewsJan 24, 2024, 11:50 PM IST
तीन बार लगी गोली फिर भी बढ़ती रहीं ! डर गए थे अंग्रेज़
आज़ादी की लड़ाई में तमाम स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान दे दी। भारत के आज़ाद होने तक इन सेनानियों ने अपना घर छोड़ दिया था। आज हम ऐसी ही कुछ महिलाओं के बारे में बताएंगे जिन्हों ने देश की आज़ादी के लिए अपना ऐशो आराम छोड़ दिया था।
Motivational NewsJan 16, 2024, 10:09 PM IST
चाय की दुकान खोली तो पापा हुए नाराज़! मगर मोनालिसा बन गईं चायवाली
भागलपुर की मोनालिसा उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो अपने पैर पर खड़े होना चाहती हैं। बीए सेकंड ईयर में मोनालिसा ने पिता के विरोध के बावजूद चाय की दुकान खोल लिया और भागलपुर में एक क्रांति रच दिया। वह भागलपुर की पहली लड़की है जो चाय की दुकान चलाती हैं।
NewsSep 28, 2023, 2:36 PM IST
कौन थे हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन? खेती की बदल दी तस्वीर, जानिए उनसे जुड़ी 10 बड़ी बातें
देश में जब भी हरित क्रांति की चर्चा होगी तो एमएस स्वामीनाथन का जिक्र किए बगैर पूरी नहीं हो सकती। देश के एग्रीकल्चर सेक्टर में क्रांति लाने वाला इस शख्स ने 98 साल की उम्र में बुधवार (28 सितंबर, 2023) को चेन्नई में आखिरी सांस ली।
NewsAug 15, 2023, 5:39 PM IST
'सुलभ क्रांति' के जनक बिंदेश्वर पाठक का निधन, पीएम मोदी ने जताया दुख
दुनिया को टॉयलेट का महत्व बताने वाले और करोड़ों लोगों की जिंदगी आसान बनाने वाले सुलभ इंटरनेशल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली। प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनके निधन पर दुख जताया है।
Beyond NewsAug 14, 2023, 3:24 PM IST
आजादी के वो मशहूर नारे जो आज भी रग-रग में भर देते हैं जोश
भारत की आजादी के खातिर लाखों स्वाधीनता सेनानियों ने बलिदान दे दिया। 15 अगस्त को हम आजादी का महोत्सव मनाते हैं और सेनानियों को याद करते हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जानते हैं उन महान क्रांतिकारियों के नारों में जो आज भी स्वर्णिम अक्षरों में इतिहास में दर्ज है।
Motivational NewsAug 4, 2023, 1:41 PM IST
साड़ी पहनकर 53 साल की क्रांति साल्वी ने जीत लिया मैराथन-बनाया रिकॉर्ड
क्रांति साल्वी ने 53 साल की उम्र में नौवारी साड़ी में मैराथन में भाग लिया और अपना नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया। क्रान्ति ने एक बार नहीं बल्कि दो बार अपना नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया है। पेशे से इंजीनियर क्रांति लोगों को फिटनेस टिप्स देती हैं और मुंबई पिंकथॉन की ब्रांड एम्बेस्डर हैं।
Beyond NewsMar 2, 2022, 6:44 PM IST
हाईटेक खेती : सरकार की मदद से खुशहाल बनेंगे अन्नदाता, विज्ञान के प्रयोग से सोना उगलेगी धरती
मोदी सरकार हाईटेक खेती पर जोर दे रही है। इस बार के बजट में हाईटेक खेती को लेकर कई ऐलान किए हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि जो भी किसान हाईटेक खेती कर रहे हैं, उन्हें जबरदस्त मुनाफा हो रहा है, ऐसे में अगर देश के हर किसान हाईटेक तरीके से खेती करने लगेंगे तो आने वाले समय में कृषि क्षेत्र में क्रांति आ सकती है।
NewsJan 19, 2020, 8:43 AM IST
सावरकर को लेकर महाराष्ट्र में घमासान, शिवसेना और कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू
संजय राउत ने सीधे तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को वीर सावरकर को समझना है, उसे दो दिन अंडमान की जेल में रहना चाहिए। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही राहुल गांधी ने कहा कि वह राहुल सावरकर नहीं हो सकते हैं। जिसके बाद शिवसेना और कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू हो गई थी। लेकिन अब संजय राउत के इस बयान के कांग्रेस ने भी शिवसेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
NewsDec 14, 2019, 6:06 PM IST
देश के विभाजन के आरोप से बचने के लिए जिन्ना और सावरकर को दोष देती है कांग्रेस
दो राष्ट्र का सिद्धांत पहली बार 1880 के दशक में सर सैयद अहमद खान द्वारा प्रस्तावित किया गया था जो एक प्रमुख मुस्लिम सुधारक थे। वास्तव में, गांधी द्वारा मुस्लिम तुष्टिकरण नीति लागू करने से बहुत पहले, हिंदू और मुस्लिम अपने आपसी मतभेदों से अवगत थे।
NationAug 20, 2019, 6:42 PM IST
जानिए आजादी की जंग में क्या थी भीकाजी कामा की भूमिका
दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल से आगे भीकाजी कामा प्लेस है। जिसे रोज लाखों लोग देखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश का पहला झंडा भीकाजी कामा ने ही बनाया था। हालांकि वह एक बेहद अमीर परिवार में पेदा हुई थीं। लेकिन उन्हें अपने देश से बहुत ज्यादा प्यार था। उन्होंने अंग्रेजी शासन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बहुत सफलतापूर्वक उठाया। वह देश के क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणा स्रोत थीं। जानिए देश की आजादी में मैडम कामा का क्या योगदान था-
NewsJul 20, 2019, 9:04 PM IST
दीदी के राज्य में भाजपा ने शुरू की ‘नाम’ की राजनीति, इस क्रांतिकारी के नाम पर होगा बर्द्धमान रेलवे स्टेशन का नाम
अब भाजपा राज्य के सरकारी संस्थान जो केन्द्र सरकार के अधीन हैं। उनका नाम बदलने जा रही है। जिसका विरोध करना ममता के लिए मुश्किल होगा। क्योंकि भाजपा इन संस्थानों को क्रांतिकारियों के नाम पर रख रही है। लोकसभा चुनाव में टीएमसी को कड़ी टक्कर दे चुकी भाजपा अब राज्य के रेलवे स्टेशनों का नाम बदलने जा रही है।
ViewsJul 19, 2019, 5:22 PM IST
मंगल पांडे ने दलित साथी की पुकार पर छेड़ी थी आजादी की जंग, मौत के बाद भी डरते रहे अंग्रेज
देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के पहले शहीद मंगल पांडेय का आज जन्मदिन है। सन् 1857 की क्रांति के इस महानायक की जिंदगी के कई किस्से आज भी समाज को प्रेरणा दे सकते हैं। मंगल पांडेय ने बेहद बहादुरी से विशाल अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जंग छेड़ी, लेकिन इसके लिए उन्हें उनके ही एक दलित साथी मातादीन ने प्रेरित किया था। जिसके बाद जो हुआ उससे अंग्रेजी हुकूमत थर्रा गई। मंगल पांडे ने जो बहादुरी दिखाई थी उसका असर उनकी मौत के 90 साल बाद 1947 में आजादी के समय भी दिखाई दिया।
NewsApr 17, 2019, 12:49 PM IST
माढा में मोदी की चुनौती, जानें क्यों बीजेपी छीन लेगी एनसीपी का यह गढ़
एनसीपी नेता शरद पवार पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि देश में आई भगवा क्रांति के डर से शरद पवार चुनाव मैदान छोड़कर भाग चुके हैं. मोदी ने कहा कि शरद पवार की राजनीति सिर्फ एक सिद्धांत पर बैठी है कि केन्द्र में गांधी परिवार का वर्चस्व कायम रहे.
NewsApr 13, 2019, 11:21 PM IST
...और इस तरह जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेकर ऊधम सिंह ने पूरी की अपनी कसम
13 अप्रैल, 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड के दोषी को लंदन में गोली मारकर निर्दोष भारतीयों की मौत का बदला लेने वाले क्रांतिकारी का नाम है ऊधम सिंह। जलियांवाला बाग नरसंहार के 100 साल बाद उन बेकसूर लोगों को याद करने के साथ-साथ ऊधम सिंह को याद करना लाजिमी हो जाता है। अपनी बदले की कसम पूरी करने के लिए ऊधम सिंह ने 21 साल का इंतजार किया और मौका मिलते ही इस घटना के जिम्मेदार जनरल डायर को गोली मार दी। इसके बाद यह क्रांतिकारी खुशी-खुशी फांसी के फंदे पर झूल गया।