बीएआई ने यह मांग विभिन्न तरह की संवैधानिक संस्थाओं, समितियों की सिफारिशों और संसदीय समितियों को भेजे गये प्रपत्रों के आधार पर की है। पत्र में बीएआई ने लिखा है कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने तथ्यात्मक तौर पर पाया है कि सीमेंट उद्यमियों ने आपस में ही गुट बना लिया है, जिसके जरिए सीमेंट की बिक्री की दरों को आसानी से प्रभावित और नियंत्रित किया जाता है।