आंचल के पास न शिक्षा थी,न घर था,न पैसा। जीने के लिए लगन थी मेहनत थी हौसला था और यही उनका हथियार था, पति की मार सही, पिता ने भूखे पेट सुलाया, बहन को जीजा ने मार डाला, नौकरी में नुकसान बर्दाश्त किया, घर पर बुलडोज़र चला और फिर हो गया कैंसर। आंचल ने हर मुश्किल से लड़ाई की और आज समाज के लिए मिसाल बन कर खड़ी हो गईं हैं.