लालू यादव की राह पर चले नितिन गडकरी

केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक ऐसी इच्छा जाहिर की है, जिसे सुनकर पूर्व रेल मंत्री लालू यादव की याद आ जाती है। गडकरी ने रेल मंत्री पीयूष गोयल की पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि देश के प्रमुख रेलवे स्टेशन, बस डिपो, हवाई अड्डों और शॉपिंग मॉल में मिट्टी की कुल्हड़ में चाय दी जाए। लालू यादव ने भी रेल मंत्री रहते हुए कुछ ऐसा ही आदेश जारी किया था। 
 

A letter from Nitin Gadkari reminded Lalu Yadav decision

नई दिल्ली: केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का बस चले तो देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों, बस डिपो, हवाईअड्डों और मॉल में भी आप मिट्टी के कुल्हड़ में चाय का लुत्फ उठा सकते हैं। 

दरअसल नितिन गडकरी पर्यावरण पर प्लास्टिक के कपों और गिलासों के होने वाले दुष्प्रभाव से चिंतित थे। उनका मानना है कि मिट्टी के कुल्हड़ों और प्यालों का प्रचलन बढ़ने से देश में कुम्हारों को रोजगार मिलेगा। 

नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि  'मैंने पीयूष गोयल को एक पत्र लिखकर 100 रेल स्टेशनों पर कुल्हड़ को अनिवार्य करने के लिए कहा है। मैंने हवाईअड्डों और बस डिपो की चाय दुकानों पर भी इसे अनिवार्य करने का सुझाव दिया है। हम कुल्हड़ के इस्तेमाल के लिए मॉल को भी प्रोत्साहित करेंगे।' गडकरी ने कहा कि इससे स्थानीय कुम्हारों को बाजार मिलेगा। इसके साथ ही कागज और प्लास्टिक से बने गिलासों का इस्तेमाल बंद होने से पर्यावरण को हो रहा नुकसान कम होगा।

गडकरी की इस इच्छा ने 15 साल पहले के तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की याद दिला दी। जिन्होंने  रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में चाय बेचने का ऐलान किया था। उनका भी तर्क काफी हद तक नितिन गडकरी की ही तरह था। उन्होंने भी कहा था कि मिट्टी के कुल्हड़ों का इस्तेमाल करने से स्टेशनों पर प्लास्टिक का कूड़ा नहीं फैलेगा और  कुल्हड़ बनाने वालों कुम्हार कारीगरों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा। 

लेकिन वक्त बदलने के साथ कई रेल मंत्री आए और गए तथा लालू यादव का मिट्टी के कुल्हड़ का आदेश धीरे-धीरे लोग भूल गए और प्लास्टिक और पेपर के कपों ने रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ की जगह ले ली। लेकिन अब फिर से कुल्हड़ों का जमाना लौटाने की कवायद जोर पकड़ रही है। 

अभी भी वाराणसी और रायबरेली स्टेशनों पर खान-पान का प्रबंध करने वालों को मिट्टी से बने कुल्हड़ों और कागज के ग्लास और प्लेट के इस्तेमाल का निर्देश दिया गया है। 

दरअसल कुल्हड़ों की सप्लाई कम होना भी एक बड़ी बाधा है। लेकिन इसके लिए नितिन गडकरी ने खादी ग्रामोद्योग आयोग से आग्रह किया है कि वह मांग बढ़ने की स्थिति में व्यापक स्तर पर कुल्हड़ के उत्पादन के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराएं।  

जिसके बाद खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने इस बारे में कहा, 'हमने पिछले साल कुम्हारों को कुल्हड़ बनाने के लिए 10,000 इलेक्ट्रिक चाक दिए। इस साल हमने 25 हजार इलेक्ट्रिक चाक बांटने का लक्ष्य तय किया है।' सरकार कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत इलेक्ट्रिक चाक वितरित कर रही है। 

कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में करीब 300 इलेक्ट्रोनिक चाक बांटे हैं। यहां 1,000 और चाक बांटे जाएंगे। उधर  सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में 100 चाक बांटे गये हैं। 

खादी आयोग इस साल पूरे देश में करीब 6,000 चाक बांटेगी। 

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