लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर दोनों दल आमने सामने होंगे। क्योंकि लोकसभा चुनाव में जिस तरह से भाजपा ने प्रदर्शन किया था और उसके बाद वह लगातार टीएमसी के विधायकों और नेताओं को तोड़ रही थी। उससे राज्य में भाजपा की ताकत बढ़ती ही जा रही थी। लेकिन ये उपचुनाव दोनों दलों की जमीन को बताएंगे। क्योंकि राज्य में अभी भी टीएमसी बहुत मजबूत है।