मध्य प्रदेश के ग्वालियर के देव प्रताप 11 साल की उम्र में अपने घर से भाग गए। अपना पेट पालने के लिए 4 साल तक सड़क पर कूड़ा बिनते रहे, इसी दौरान उनको नशे की लत लग गई। ड्रग्स की लत को पूरा करने के लिए वह लोगों को लूटने लगे और एक बार जेल गए। एक अजनबी ने उनकी जमानत कराकर ढाबे पर नौकरी लगवा दी । यहीं से देव की जिंदगी बदल गई और उन्होंने स्लम के बच्चों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।