किस्मत और भाग्य का रोना रोने वालों को अर्पिता रॉय की कहानी पढ़नी चाहिए। कॉलेज लाइफ में अर्पिता के दोनों पैर एक एक्सीडेंट में कट गए। अपने पैरों पर खड़े होने में अर्पिता को 6 महीने लग गए। यह पैर भी कृत्रिम पैर थे। लेकिन अर्पिता ने इन्हीं पैरों को अपनी ताकत बनाया और रोजी-रोटी का जरिया भी।